गोमूत्र के अद्भुत फायदे , Gomutra Benefit In Hindi

 भारत संस्कृति और वैज्ञानिक स्तर पर साबित धार्मिक विचारों से परिपूर्ण देश है। प्राचीन काल से भारत के विद्वान ऋषि मुनियों ने मां प्रकृति को भली भांति समझा है और पढ़ाया है। यहां तक कि भारतीय संस्कृति में पौधों और जानवरों को महत्व दिया गया है। उनमें से गाय को सबसे पवित्र प्राणी के रूप में आदर प्रदान किया गया है। प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद ने गाय के मूत्र को विषाणु रहित चिकित्सक वरदान है।


आयुर्वेद के अनुसार गौमूत्र संजीवनी है और यह इस्तेमाल करने में पूरी तरह से सुरक्षित है। गौमूत्र को अमृत की संज्ञा भी दी गई है। गौमूत्र मनुष्य जाति को पुनर्जीवन और दीर्घ आयु देने वाला है। गौमूत्र हल्का, पचने में आसान होता है और स्वाद में थोड़ा तीखा व नमकीन होता है। यह प्राकृतिक रूप से एंटी-बायोटिक, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-एलर्जिक और एंटी-हेलमेटिक की तरह काम करता है। गौमूत्र एक ऐसा पदार्थ है जिसमें 18 तरह के खनिज तत्व उपलब्ध हैं तथा गौमूत्र में आयरन, कॉपर, नाइट्रोजन, मैगनीज, कार्बोलिक एसिड, सिलीकोन, क्लोरीन, मैग्नीशियम, सिट्रिक, कैल्शियम, एंजाइम्स, मिनरल्स, विटामिन जैसे ए, बी, सी, डी, ई, गोल्ड, एरिड इत्यादि पाये जाते हैं।

गोमूत्र की प्रमुखता और स्वास्थ्य लाभ


• गौमूत्र को गाय के दूध और बिभीतकी, हरीतकी और आमलकी के तीन बराबर भागों में मिलाकर एनीमिया के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है।

• घी, दही और काली मिर्च के साथ गौमूत्र का प्रयोग तेज बुखार के इलाज में किया जाता है।

• गौमूत्र और दारुहरिद्रा का मिश्रण मिर्गी के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। 

• गौमूत्र को हल्दी के साथ मिलाकर कफ जनित त्वचा रोग के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है।

• गौमूत्र का उपयोग घरों और कृषि उद्देश्यों दोनों के

लिए स्प्रे कीट नियंत्रण के रूप में भी किया जाता है।

Note :- 

1. रसोई के लिए उपयोगी सूत्र , 30 Amazing Kitchen Tips 

2. Jaiphal Ke Fayde | जायफल - जावित्री के घरेलू उपयोग , कई समस्या से निजात दिलाएंगे 

3.अपामार्ग के औषधीय गुण, अपामार्ग कौन - कौन सी बीमारी में काम आता हैं। Apamarg Benifit In Hindi 

• गौमूत्र श्वास नली और फेफड़ों से सम्बन्धित रोगों में अमृत तुल्य है।

•  गौमूत्र मांसपेशियों को गतिशीलता देता है और मजबूत करता है।

• गौमूत्र से सिर धोने से बालों का झड़ना बंद हो जाता है और कुदरती चमक आती है। रूसी होने पर गौमूत्र को अंगुलियों की सहायता से जड़ों में लगाने से एकदम से सिर की त्वचा स्वस्थ हो जाती है और रूसी, फंगस आदि जड़ से खत्म हो जाती है। 10 दिन लगातार गौमूत्र को टॉन्सिल्स पर लगाने से और पानी में मिलाकर गरारे करने से टॉन्सिल्स पूरी तरह से समाप्त हो जाते हैं।

• गौमूत्र का सेवन करने से पीलिया जैसी बीमारी में लाभ मिलता है।

• गौमूत्र से रक्त शुद्ध होता है और सभी प्रकार के रक्त विकार दूर होते हैं। रोजाना दिन में दो बार गौमूत्र से चेहरे को धोने से कील-मुंहासे, फुंसियां आदि से राहत मिलती है।

• स्त्रियों के जननांग को गौमूत्र से धोने से ल्यूकोरिया में लाभ मिलता है।

• मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है और बुद्धि को तेज करता है ।

• गौमूत्र यौनांगो में उत्तेजना लाता है और प्रजनन प्रणाली में सुधार करता है। जिससे स्त्रियों में बांझपन की समस्या दूर होती है और पुरुषों में नपुंसकता दूर होती है।

• यह पेनक्रियास में इन्सुलिन के साव को बढ़ाता है। जिससे शुगर का रोग नियंत्रित होता है।

• गौमूत्र महिलाओं के मासिक धर्म की सभी समस्याओं जैसे: मासिक धर्म नियमित समय पर ना आना, मासिक धर्म के दौरान पीड़ा होना और मासिक धर्म का कम या ज्यादा होना ये सारी समस्याएं गौमूत्र दूर करता है।

• गौमूत्र को गिलोय रस के साथ मिलाकर पीने से किसी भी प्रकार के ज्वर तथा चिकनगुनिया में लाभ मिलता है।

• गौमूत्र को पीने से व हल्का गर्म करके पेट पर दर्द वाले स्थाने पर हल्की मसाज करने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है।

• घर से नकारात्मक ऊर्जा, नजर, टोना-टोटका और वास्तु दोष को खत्म करने के लिये नियमित रूप से

• गौमूत्र के छिड़काव से वातावरण शुद्ध व पवित्र हो जाता हैं।

• सुबह खाना खाने के 1 घंटे पहले आधा कप गौमूत्र पीने से बवासीर, बादी और खूनी फस्टुिला, भगन्दर, जोड़ों का दर्द, अर्थराइटिस, उच्च रक्त दबाव, हृदयघात, कैंसर आदि रोगों को ठीक करने में मदद मिलती है।

• खांसी, सर्दी, जुकाम, दमा, टी.बी. और अस्थमा जैसी बीमारियों में गौमूत्र रामबाण का काम करता है। गौमूत्र शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।

• गौमूत्र का सेवन हमेशा सुबह और शाम के वक्त करना चाहिये। अधिक बीमार व्यक्ति 100 मि.ली. तक गौमूत्र पी सकता है। स्वस्थ लोगों को 60 मि.ली.. पीना चाहिये।

• कब्ज की समस्या के लिये रोज सुबह खाली पेट गौमूत्र का सेवन करें।

• शहद, नीम्बू एवं पानी के साथ गौमूत्र का रोज़ाना सेवन वजन को कम करने में सहायता करता है।

• पित्त के रोगियों को गौमूत्र और पानी को बराबर मात्रा में मिलाकर इस्तेमाल करने से एसिडिटी, हाइपरएसीडिटी, अल्सर, पेट में घाव आदि में लाभ मिलता है।

Post a Comment

Previous Post Next Post