टमाटर की खेती कैसे करें , Tamatar Ki kheti Kaise Kare ,IMC Agro Growth Booster

 

टमाटर की खेती कैसे करें 

एग्रो ग्रोथ बूस्टर:

टमाटर की बुवाई से 15 से 20 दिनों पर ग्रोथ बूस्टर 30 मि.ली. और एक्टिवेटर 05 मि.ली. 15 लीटर की टंकी में मिलाकर पहली स्प्रे करनी चाहिए। अच्छी पैदावार के लिए 15 से 20 दिनों पर दोबारा स्प्रे करना चाहिए।


टमाटर की खेती

परिचय : टमाटर भारत की महत्वपूर्ण व्यापारिक फसल है। टमाटर की फसल आलू के बाद दुनियाभर में दूसरे नंबर की सबसे महत्वपूर्ण फसल है । भारतवर्ष में साल भर टमाटर की मांग रहती है। इसमें पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होते हैं। टमाटर एक नगदी फसल है। इस फसल की प्रमुख पैदावार बिहार, कर्नाटक, यूपी, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, एमपी और पश्चिम बंगाल में की जाती है ।


मिट्टी:

टमाटर को विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है। परन्तु इसकी अच्छी पैदावार के लिए उचित जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी में इसे उगाया जा सकता है । जिस भूमि का पीएच मान 6 से 7 के बीच में होता है वह मिट्टी टमाटर की खेती के लिए उत्तम मिट्टी होती है।


पौध रोपण:

टमाटर की पौध तैयार होने पर खेत में कटर के साथ पौधों का रोपण करें और जड़ों को अच्छी तरह से मिट्टी से ढकें। पौधों की रोपाई शाम के समय करनी चाहिए। फिर हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए।


टमाटर की प्रमुख किस्में:

अर्का सौरभ, पूसा संकर - 1, 2, 4, पूसा रबी, एचएस 101, अविनाश 2, पूसा शीतल अदी।


भूमि की तैयारी :

मिट्टी की भुरभुरा होने तक खेती की जुताई करनी चाहिए। मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाने के लिए आखिरी जुताई के समय गोबर की खाद के साथ एग्रो ग्रोथ बूस्टर को मिलाकर मिट्टी में डालना चाहिए इससे मिट्टी को हर प्रकार के पोशक तत्व मिल जाते हैं और फसल अच्छी होती है।


बुवाई का समय :

टमाटर की खेती खरीफ, रबी या जयाद तीनों मौसम में उगाई जाती हैं। खरीफ: जुलाई से सितंबर (वर्शा) रबी : नवंबर से दिसंबर (सर्दी) याद : मार्च से अप्रैल (गर्मी)


बीज की बुवाई 

बीज की अच्छी किस्मों का चयन करके करनी चाहिए। बीज के ऊपर उपजाऊ मिट्टी की परत चढ़ाकर हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए ।

Note:- 

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सिंचाई :

टमाटर एक शाकीय पौधा है, इसकी वृद्धि तेज होती है इसलिए नमी की आवश्यकता लगातार होती है। गर्मियों में 5-7 दिनों पर और सर्दियों में 10-15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए। सिंचाई के समय एग्रो ग्रोथ बूस्टर का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि इससे नमी लंबे समय तक बनी रहती है।


खादः

अच्छी पैदावार के लिए गोबर की खाद के साथ एग्रो ग्रोथ बूस्टर का इस्तेमाल करना चाहिए।



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