Ostaioporosis kya hain ? aur usaka ilaaj - Osteoporosis Treatment

Osteoporosis 

Osteoporosis Treatment


ऑस्टियोपोरोसिस के परिणामस्वरूप कमजोर और भंगुर हड्डियां होती हैं जिसके परिणामस्वरूप फ्रैक्चर की संभावना बढ़ जाती है।  यहां तक ​​​​कि एक छोटी सी दुर्घटना या झटके से रीढ़, कलाई, पीठ के निचले हिस्से या कूल्हों में फ्रैक्चर हो सकता है।  यह किसी भी पुरुष या महिला को हो सकता है लेकिन रजोनिवृत्ति से गुजर रही महिलाओं को एस्ट्रोजन के स्तर में अचानक कमी के कारण इसका खतरा होता हैं।

जानकारों के मुताबिक ज्यादातर भारतीय ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक यह दुनिया में दिल की बीमारियों के बाद एक बड़ी समस्या बन गई हैं।  भारत में, हर आठ में से एक व्यक्ति ऑस्टियोपोरो-सिस से पीड़ित है और महिलाओं के मामले में यह दर और भी अधिक है।  महिलाओं में 3 में से एक इस बीमारी से पीड़ित हैं।

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ऑस्टियोपोरोसिस चार प्रकार का होता हैं और अधिकांश लोगों को तब तक पता ही नहीं चलता कि वे इससे पीड़ित हैं जब तक कि फ्रैक्चर न हो जाए।  यह तब होता है जब हड्डियां झरझरा हो जाती हैं और हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है। आम तौर पर, हड्डियां खुद को फिर से भरती और नवीनीकृत करती हैं, लेकिन जब पुरानी हड्डी के ठीक होने और नई हड्डी के निर्माण के बीच असंतुलन होता है, तो इसे ऑस्टियोपोरोसिस कहा जाता है।  हड्डियों के घनत्व को बढ़ाने के लिए आहार में कैल्शियम और फॉस्फेट को शामिल करना जरूरी है लेकिन उससे पहले इस बीमारी के कारणों या लक्षणों को समझना जरूरी हैं।

कारण:

• हड्डियों में दर्द।

• कद में कमी या झुकी हुई मुद्रा।

• नाजुक हड्डियां जिसके कारण फ्रैक्चर होता हैं।

 सुझाव:

• शराब पीने और धूम्रपान करने से बचें।

• मौसमी सब्जियां खूब खाएं खासकर हरी पत्तेदार सब्जियां और फल रोजाना धूप में बैठें क्योंकि यह विटामिन-डी का बेहतरीन स्रोत हैं।

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इलाज:

• 30 मिली एलो वेरा जूस, हिमालयन बेरी जूस, एलो नोनी जूस और 2 बूंद श्री तुलसी को पानी में मिलाकर सुबह-शाम पिएं।

• एलो Cal-D, ट्रूहेल्थ, नेचुरोमेगा, डेली डाइट, टोंगकट अली और व्हीट गोल्ड की एक-एक गोली दिन में दो बार सुबह और रात में सेवन करें।

इन सुझावों और उपचारों का अभ्यास करें लेकिन रोग का निदान करवाना और किसी अनुभवी चिकित्सक से नुस्खा लेना महत्वपूर्ण हैं।




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