मौसम में बदलाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है मौसम बदलने से सर्दी- खासी के अलावा सबसे ज्यादा दिक्कत पाचन तंत्र की होती है जिसमें पेट संबंधी कई तरह की समस्याएं होने लगती है पाचन तंत्र में कई तरह के अच्छे बैक्टीरिया काम करते हैं जो एक दूसरे के साथ मिलकर संतुलन बनाए रखते हैं। जब तक यह संतुलन बनाए रखता है, तब तक पाचन तंत्र भी अच्छा से काम करता है लेकिन इसमें असंतुलन होते ही पेट खराब हो जाते हैं मौसम में परिवर्तन होने पर इन बैक्टीरिया का भी संतुलन बिगड़ जाता है मौसम के अलावा भी बैक्टीरिया के संतुलन को बिगाड़ने में कई कारक जिम्मेदार होते हैं कुछ प्रमुख इस तरह है।
दूध का ज्यादा सेवन- इससे भी पेट में उपस्थित बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ जाता है इसकी वजह यह है कि पेट में दूध अम्ल (एसिड) उत्पन्न करता है इसलिए एक सीमा से ज्यादा दूध पीने पर पेट में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जो आज के रूप में सामने आ जाती है।
एंटीबायोटिक का ओवरडोज : ज्यादा और डॉक्टर की सलाह के बगैर एंटीबायोटिक दवाई खाने से पेट में मौजूद गुड बैक्टीरिया को भी नुकसान पहुंचाने लगती है इसमें पाचन तंत्र अस्त-व्यस्त हो जाता है।
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