कब्ज की बीमारी का आयुर्वेदिक उपचार क्या है || कब्ज का IMC में क्या उपचार है।


मौसम में बदलाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है मौसम बदलने से सर्दी- खासी के अलावा सबसे ज्यादा दिक्कत पाचन तंत्र की होती है जिसमें पेट संबंधी कई तरह की समस्याएं होने लगती है पाचन तंत्र में कई तरह के अच्छे बैक्टीरिया काम करते हैं जो एक दूसरे के साथ मिलकर संतुलन बनाए रखते हैं। जब तक यह संतुलन बनाए रखता है, तब तक पाचन तंत्र भी अच्छा से काम करता है लेकिन इसमें असंतुलन होते ही पेट खराब हो जाते हैं मौसम में परिवर्तन होने पर इन बैक्टीरिया का भी संतुलन बिगड़ जाता है मौसम के अलावा भी बैक्टीरिया के संतुलन को बिगाड़ने में कई कारक जिम्मेदार होते हैं कुछ प्रमुख इस तरह है।



दूध का ज्यादा सेवन- इससे भी पेट में उपस्थित बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ जाता है इसकी वजह यह है कि पेट में दूध अम्ल (एसिड) उत्पन्न करता है इसलिए एक सीमा से ज्यादा दूध पीने पर पेट में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जो आज के रूप में सामने आ जाती है।

एंटीबायोटिक का ओवरडोज : ज्यादा और डॉक्टर की सलाह के बगैर एंटीबायोटिक दवाई खाने से पेट में मौजूद गुड बैक्टीरिया को भी नुकसान पहुंचाने लगती है इसमें पाचन तंत्र अस्त-व्यस्त हो जाता है।
      


अपने रोज की डाइट में शामिल करें यह चीजें।

दही व मट्ठा :- इसमें ऐसे कई तरह के अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो हमारी रोग प्रतिरोधक प्रणाली को दुरुस्त रखते हैं तथा पोषक पदार्थों को अवशोषित करने और हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करता है।

लहसुन :- किचन के सबसे सामान्य मसालों में शामिल लहसुन भी प्रीबायोटिक का अच्छा स्रोत होता है इसमें ऐसे फाइबर्स  भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो गुड बैक्टीरिया के लिए पोषण का काम करते हैं और इस तरह हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखते हैं।

चलिए अब हम आपको बताते हैं कि ‌‌‌IMC में इसका क्या उपचार है और आप इन  से कैसे बच सकते हैं यदि आपको यह पोस्ट अच्छी लगती है तो हमें जरूर कमेंट करें।

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