Aniyamit Masik Dharm Ke Bare Me Janiye , मासिकधर्म के दौरान स्वास्थ्य की अतिरिक्त देखभाल करें।

 मासिकधर्म के दौरान स्वास्थ्य की अतिरिक्त देखभाल करें।

मासिकधर्म के दौरान स्वास्थ्य की अतिरिक्त देखभाल करें।
मासिकधर्म के दौरान स्वास्थ्य की अतिरिक्त देखभाल करें।


यह वास्तविकता है कि हम ऐसे युग में पहुंच गए हैं जहां लड़के और लड़कियों आपस में खुलकर कर अपने परिवार, सहकर्मियों और सोशल सर्कल में मासिकधर्म संबंधी बात कर सकते हैं। इसके लिए मीडिया, सरकार की पहल और यहां तक कि मशहूर हस्तियों का अति धन्यवाद जिन्होंने इस विषय को मुख्यधारा में लाया और मासिकधर्म से जुड़ी शर्म को कम किया। यह महिलाओं की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है परन्तु महिलाओं को उन दिनों में खुद की देखभाल करना उतना ही जरूरी है जिनता वह है अपने साधारण दिनों में करती हैं। मासिकधर्म में ऊर्जा का कम होना एक साधारण बात है। बहुत सी महिलाओं को इन दिनों सुस्त और ऊर्जाहीन महसूस होता है। इसलिए अपने आप को बेहतर तरीके से ऊर्जावान रखना और अनुभव करना अति आवश्यक है।


मासिकधर्म में ऊर्जा कम होने के बहुत से कारण हैं। इसकी कमी के कारण ऐंठन, जोड़ों में दर्द इत्यादि समस्याएं हो जाती हैं। ऐसी समस्याओं का मूल कारण हार्मोन्स होते हैं। मासिकधर्म के पहले के दिनों में ओस्ट्रोजन सर्वकालिक कम होता है। इसलिए इस हार्मोन के उत्तेजक होने पर आपकी ऊर्जा पर असर पड़ता है वह कम हो सकती है। ऐसा रजोनिवृति में सामान्य होता है। परन्तु ऐसा कई महिलाओं में हो सकता हैं। खासकर तब जब आपके पीरियड्स बहुत कम हो या अनियमित हो।


भारतीय महिलाओं में खून की कमी होना साधारण बात है विशेषकर उन महिलाओं में जिन्हें बहुत अधिक मासिकधर्म होता है। इसके कारण उनके लाल रक्त कोशिकाओं में कमी आ जाती है। जिसका मतलब है कि हमारे अंदर आयरन की कमी है जो हमारे शरीर में चारों तरफ ऑक्सीजन को ले जाने में सहायक होता हैं इसके परिणामस्वरूप, आपके शरीर के आसपास के टिश्यू ऑक्सीजन को प्राप्त करने और उनको बचाने में असफल हो जाते हैं। जिसके परिणामस्वरूप, आप सुस्त और थका हुआ महसूस करते हैं। इसके अलावा इस समय आपके शरीर का तापमान बढ़ जाता है और अधिक कलौरी जलने लगती हैं। आपका बेसल मेटाबोलिक रेट (बी. एम. आर ) 9 प्रतिशत तक बढ़ सकता है इसका मतलब है कि मासिकधर्म होने तक आपने कई दिनों तक 9 प्रतिशत अधिक ऊर्जा खर्च की है और आप सामान्य दिनों के मुकाबले अधिक थका हुआ महसूस करते हैं। इसके कारण आपको ऐंठन, भारी मासिकधर्म या सूजन भी हो सकती है। आपकी नींद प्रभावित हो सकती है, आप व्यायाम नहीं कर पाएंगे। यह दोनों ही आपके ऊर्जा के स्तर को प्रभावित करेंगे। यदि आपके मासिकधर्म के लक्षण इतने खराब हैं तो आपको प्रीमेन्स्ट्रअल सिंड्रोम हो सकता है।

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अच्छा आहार सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसमें पोषक तत्वों से भरपूर ताज़ी सामग्री होनी चाहिए। प्रोटीन और आयरन से भरपूर खाने को आहार में शामिल करें। पानी अधिक पीएं, अल्कोहल से परहेज रखें। शुगर और कैफीन का सेवन कम से कम करें क्योंकि यह आपके ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करता है। इस समय के दौरान पर्याप्त नींद लें क्योंकि यह आपकी ऊर्जा को बनाएं रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं परन्तु क्या हमारे पास कुछ ऐसा है जिससे आपको इन दिनों में आराम मिल सके ? क्या कुछ ऐसा है जो इन कठिन दिनों में आपको राहत या लाभ पहुंचा सके ?


बेशक! आई.एम.सी के पास महिलाओं के मासिकधर्म संबंधी परेशानियों को दूर करने की अद्भुत रेंज है। आई.एम.सी प्यारी सहेली टेबलेट्स अपने नाम की तरह ही मासिकधर्म की अनियमितता और ल्यूकोरिया से आराम दिलाने के लिए सच्ची सहेली की तरह कार्य करती है। यह बेचैनी, चिड़चिड़ाहट, एनीमिया और भूख की कमी में प्रभावशाली हैं। यह पीठ दर्द, थकान और सामान्य कमजोरी से राहत दिलाने में मददगार है। यह 18 जड़ी-बूटियों जैसे कि अश्वगंधा, शतावरी, देवदास, पीपल, लोधरा इत्यादि का प्रभावशाली समिश्रण है। शतावरी गर्भाशय को साफ करने में सहायक है। यह महिलाओं के मासिकधर्म चक्र के संतुलन में लाभकारी है। मासिकधर्म के लक्षणों से आराम दिलाने और रक्त को शुद्ध करने में सहायक है। अशोका में हेमाटॉक्सिलिन होता है जो रक्तस्राव को नियंत्रित करने और अतिरिक्त फ्लो को कम करने में मदद करता है। लोधरा और गुग्गल मासिकधर्म को नियमित करने और तनाव एवं सूजन को कम करने में सहायक है। शिवलिंगी, पुत्रजिवाक को बेहतरीन एंटी- माइक्रोबियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-प्यरेटिक के नाम से जाना जाता है। आई. एम. सी प्यारी सहेली सिरप 27 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों जैसे मुस्ठा, त्रिकुट, चौलाई इत्यादि जड़ी-बूटियों के समिश्रण से तैयार किया गया है जो मूत्रपथ के संक्रमण से लड़ने और मासिक धर्म समस्याओं से आराम दिलाने में सहायक है। रसौत, गिलोय, त्रिकुट में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और गर्भाशय को आराम पहुंचाने में सहायक हैं।


इसलिए मासिकधर्म में अपनी दैनिक दिनचर्या को अन्य दिनों की तरह आरामदायक बनाने से ना रूकें, क्योंकि आपकी प्यारी सहेली मासिकधर्म की समस्याओं से आराम पहुंचाने के लिए हर संभव तरीके से आपकी सच्ची दोस्त बनेगी ।



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