श्री तुलसी उपयोग के 200 अनोखे फायदे
IMC Shri Tulsi 200 Benifits in Hindi |
श्री तुलसी एक बेहतरीन आयुर्वेदिक औषधि हैं।
तुलसी मुख्य रूप से पांच प्रकार की पायी जाती है:-
श्याम तुलसी , राम तुलसी , श्वेत तुलसी , सुरसा तुलसी , वन तुलसी और नीबू तुलसी।
इन पांच प्रकार की तुलसी का शत विधि द्वारा निकालकर श्री तुलसी का निर्माण किया गया हैं । यह संसार की एक मात्र ऐसा उत्पाद है जो W.H.O से प्रमाणित है। यह बेहतरीन एंटी - ऑक्सीडेंट , एंटी बैक्टीरियल, एंटी वायरल , एंटी फ्लू, एंटीबायोटिक, एंटी - इपलेमेन्ट्री व एंटी-डिजीज है।
श्री तुलसी 200 से अधिक बीमारियों में लाभदायक है जैसे:-
1. श्री तुलसी अर्क के एक बूंद एक ग्लास पानी में डालकर पांच मिनट के बाद उस जल को पीना चाहिए । इससे पेय जल विषाणुओं और रोगाणुओं से मुक्त होकर स्वास्थ्यवर्धक पेय हो जाता हैं।
2. श्री तुलसी अर्क 200 से अधिक रोगों में लाभदायक है , जैसे के फ्लू , स्वाइन फ्लू , डेंगू , जुखाम , खासी , प्लेग , मलेरिया , जोड़ों का दर्द , मोटापा , ब्लड प्रेशर , शुगर , एलर्जी , पेट के कीड़ों , हेपेटाइटिस , जलन , मूत्र सम्बन्धी रोग , गठिया , दम , मरोड़ , बवासीर , अतिसार , आँख का दर्द , दाद - खाज खुजली , सर दर्द , पायरिया नकसीर फेफड़ों का सूजन , अल्सर , वीर्य की कमी , हार्ट ब्लाकेज आदि।
3. तुलसी एक बेहतरीन विषनाशक तथा शरीर के विष (toxins) को बाहर निकालती हैं।
4. तुलसी स्मरण शक्ति को बढ़ाता हैं।
5. तुलसी शरीर के लाल रक्त सेल्स ( RBC / Haemoglobin ) को बढ़ाने में अत्यन्त सहायक हैं।
6. तुलसी भोजन के बाद एक बूंद सेवन करने से पेट सम्बन्धी बीमारिया बहुत ही कम होने लगती हैं।
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7. तुलसी के 4-5 बूंद पीने से महिलाओं को गर्भावस्था में बार - बार होने वाली उल्टी का शिकायत ठीक हो जाता हैं।
8 , तुलसी आग से जलने अथवा किसी जहरीले कीड़े के काटने पर इस्तेमाल करने पर विशेष ही नहीं अपितु तुरंत राहत मिलती हैं।
9. दमा व खाँसी में तुलसी के दो बूँदै थोडे से अदरक के साथ तथा शहद के साथ मिलाकर सुबह - दोपहर - शाम सेवन करने पर तुरन्त लाभ मिलता हैं।
10. यदि मुंह में से किसी प्रकार की दुर्गन्ध आती हो तो श्री तुलसी के एक बूँद मुँह में डाल लें दुर्गन्ध दूर हो जायेगी।
11. दांत का दर्द , दात में कीड़ा लगना , मसूत्रों में खून आना . श्री तुलसी के 4-5 बूंद पानी में डालकर कुल्ला करना चाहिए।
12 कान के दर्द अथवा कान के बहने पर तुलसी को हल्का सा गर्म करके एक - एक बूंद कान में टपकाए।
13. नाक में पिनूस रोग की परेशानी इसके अतिरिक्त फोड़े फुसिया आदि रोगों में तुलसी को हल्का सा गर्म करके एक - एक बूंद नाक में टपकाए।
14. गले में दर्द , गले व मुँह में छाले आवाज बैठ जाना , तुलसी के 4-5 बूंदें गर्म पानी में डालकर कुल्ला करना चाहिए।
15. सर दर्द , बाल झड़ना , बाल सफेद होना व सिकरी की स्थिति में तुलसी की 8-10 मि.ली. हेयर ऑयल के साथ मिलाकर सर , माथे तथा कनपटियों पर लगायें तुरंत लाभ मिलता हैं।
16. तुलसी की 8-10 बूँदें शरी में मलकर रात्रि में सोये , मच्छर नहीं काटेंगे।
17. कूलर के पानी में तुलसी के 8-10 बूंदें डालने से सारा घर विषागु और रोगाणुओं से मुक्त हो जाता है तथा मक्खी और मच्छर भी घर से भाग जाते हैं।
18. जुएं व लिख होने पर तुलसी और नीबू का रस समान मात्रा में मिलाकर सर के बालों में अच्छी तरह से लगायें । 3-4 घण्टें तक लगा रहने दे और फिर घोये अथवा रात्रि को लगाकर सुबह सर धोये । जुएं व लिख मर जायेंगे।
19. त्वचा की समस्या में नीबू रस के साथ तुलसी के 4-5 बूंदें डालकर प्रयोग करें।
20. तुलसी में सुन्दर और निरोग बनाने की शक्ति है । यह त्वचा का कायाकल्प कर देती है । यह शरीर के खून को साफ करके शरीर को चमकीला बनाती हैं।
21. तुलसी की दो बूंद किसी भी अच्छी क्रीम में मिलाकर चेहरे पर सुबह व रात को सोते समय लगाने पर त्वचा सुन्दर व कोमल हो जाती है तथा चेहरे से प्रत्येक प्रकार के काले धब्ये , छाहियां , कील व मुँहासे व झुर्रिया नष्ट हो जाती हैं।
22.सफेद दाग पर 10 मि.ली. नारियल के तेल में 20 यूद तुलसी डालकर सुबह व रात सोने से पहले अच्छी तरह मले।
23. तुलसी के नियमित उपयोग से कोलेस्ट्राल का स्तर कम होने लगता है , रक्त के थक्के जमने कम हो जाते है . व हार्ट अटैक और कोलेस्ट्राल की रोकथाम हो जाती है।
24. तुलसी को किसी भी अच्छी क्रीम में मिलाकर लगाने से प्रसव के बाद पेट पर बनने वाली लाइन ( स्ट्रेच माक्सी) दूर हो जाते हैं।